भोर के कुछ उजले-उजले गीत जो शब भर लिखे

भोर के कुछ उजले-उजले गीत जो शब भर लिखे घुप सियह रातों में मैंने जागकर अक्सर लिखे   ज़िन्दगी तुझको जिया, तुझको लिखा कुछ इस तरह जिस तरह कोई किसी का नाम पानी पर लिखे   पत्थरों की ज़द में हैं जब तक कि ये आज़र सभी किसकी जुर्अत है जो पत्थर को यहाँ पत्थर … Continue reading भोर के कुछ उजले-उजले गीत जो शब भर लिखे